कटिहार, – बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने आज पूरे सुबह अपने साथियों के साथ मिलकर सरकार के प्रति अपनी मांगों को लेकर एकदिवसीय भूख हड़ताल का आयोजन किया। यह भूख हड़ताल 9 अक्टूबर से शुरू हुआ है और इसमें सुब में बाधित रहने वाले सभी आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं शामिल हैं।
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इस असमय हड़ताल के माध्यम से, कटिहार जिले के कई प्रखंडों में भी सेविकाएं और सहायिकाएं ने अपने मुद्दों की महत्वपूर्णता को दिखाया है। उनकी पांच सूत्री मांगों में एक तफावत बनाई गई है जिसमें उन्होंने सरकार से विभिन्न मुद्दों पर सुनिश्चित कर्मी की मांग की है।
- सरकारी कर्मी घोषित करना: सेविकाएं और सहायिकाएं चाहती हैं कि उन्हें सरकारी कर्मी घोषित किया जाए, जिससे उन्हें अधिक दिनों तक सुरक्षा मिले और उनके कार्यों के प्रति समर्पण में वृद्धि हो।
- सेविकाओं का वेतनमान कम से कम 25000 रुपए: सेविकाएं चाहती हैं कि उनका मानदेय कम से कम 25000 रुपए हो, जो उनके योगदान के अनुरूप हो।
- सहायिकाओं का वेतनमान कम से कम 18000 रुपए: सहायिकाएं भी चाहती हैं कि उनका मानदेय कम से कम 18000 रुपए हो, ताकि उनका जीवनानुभव सुधारे और उन्हें अधिक आर्थिक समर्थन मिले।
- सुधारित काम की व्यवस्था: सेविकाएं और सहायिकाएं चाहती हैं कि उनके कार्य की शिक्षा, सुरक्षा और स्वच्छता में सुधार हो, ताकि वे अपने कार्यों को बेहतर तरीके से समाप्त कर सकें।
- उचित भत्ता: सेविकाएं और सहायिकाएं चाहती हैं कि उन्हें उचित भत्ता मिले, जिससे उनका परिश्रम कोई मूल्यवान हो और वे अधिक से अधिक लोगों की सेवा कर सकें।
इस भूख हड़ताल के दौरान, सेविकाएं और सहायिकाएं ने एक सशक्त संघर्ष का संकेत दिया है और अपनी अधिकारों की रक्षा करने के लिए एकजुट हो गईं हैं।
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