पटना: अब बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान जीतन राम मांझी का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. शुक्रवार को जीतन राम मांझी बीजेपी के साथ मिलकर सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. कार्यवाही से पहले विधानसभा में स्पीकर के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया. अब सदन स्थगित होने के बाद बीजेपी विधायक और जीतन राम मांझी विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए हैं. नीतीश से कर रहे हैं इस्तीफे की मांग.
सीएम जीतन राम मांझी पर नाराज थे
दरअसल, गुरुवार को विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा हो रही थी. पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने चर्चा में भाग लेते हुए जाति सर्वेक्षण पर ही सवाल उठा दिये. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार ने कभी इसका विश्लेषण किया है कि लोगों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है या नहीं. यह सुनते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गये और खड़े होकर बोलने लगे. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी को कोई ज्ञान नहीं है. मेरी मूर्खता के कारण वह सीएम बन गये. उन्होंने आगे बीजेपी की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह राज्यपाल बनना चाहते हैं, पहले भी वह आप लोगों के पीछे घूमते थे, कृपया उन्हें राज्यपाल बना दें.
नीतीश कुमार ने लोकतंत्र को शर्मसार किया है- बीजेपी
सीएम ने आगे कहा कि जब हमने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया तो दो महीने बाद ही मेरी पार्टी के लोग हमसे कहने लगे कि यह गड़बड़ है, इन्हें हटाओ. इसके बाद जनता ने भी सवाल उठाना शुरू कर दिया. मुझे इसे हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा. वहीं, बीजेपी इस मुद्दे पर आक्रामक है. इस पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि गुरुवार को सदन में जो स्थिति उत्पन्न हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण है. पिछले तीन दिनों में जो स्थिति उत्पन्न हुई है उससे साफ पता चलता है कि नीतीश कुमार ने लोकतंत्र को शर्मसार किया है. हमने सुबह ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को जन्मदिन की बधाई दी थी. इसके बाद राजद कार्यालय के सामने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज हुआ और फिर दोपहर में पूर्व मुख्यमंत्री और दलित परिवार से आने वाले नेता का अपमान किया गया.
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